संवाददाता- सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ, (UP (INDIA): युवाओं में सिविल सेवा की तैयारी को प्रोत्साहित करने और उन्हें बौद्धिक स्तर पर मजबूत करने के उद्देश्य से, सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बुधवार को वृंदावन योजना स्थित एल्डिको सौभाग्यम में ‘माइंड मैराथन क्विज’ का शुभारंभ किया। यह एक अनूठी और विचारोत्तेजक प्रतियोगिता है, जो युवाओं को UPSC और UPPSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रेरित करने हेतु शुरू की गई है।
इस अवसर पर युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए विधायक ने कहा, "यह क्विज सिर्फ स्मृति का परीक्षण नहीं, बल्कि मानसिक सहनशक्ति, जिज्ञासा और रणनीतिक सोच का अभ्यास है। जिस प्रकार मैराथन शरीर को प्रशिक्षित करती है, वैसे ही 'माइंड मैराथन' मस्तिष्क को भविष्य के लिए तैयार करता है।" डॉ. सिंह ने बताया कि आधुनिक न्यूरोसाइंस भी यह सिद्ध करता है कि क्विज़ जैसे मस्तिष्कीय खेल न केवल स्मृति को तेज करते हैं, बल्कि तनाव कम करते हैं और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। ऐसी प्रतियोगिता युवाओं को तेजी से निर्णय लेने, दबाव में सोचने और तार्किक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है, जो आज के युग की ज़रूरतें हैं।
डॉ. सिंह ने बताया कि भारत की 65% आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है, लेकिन केवल 21% छात्र ही व्यावहारिक ज्ञान के आत्म-विश्वास से लैस हैं (ASER रिपोर्ट), PISA 2023 के अनुसार, भारत ग्लोबल प्रॉब्लम-सॉल्विंग रैंकिंग में 81 देशों में 72वें स्थान पर है। 56% भारतीय युवा 21वीं सदी की जरूरी स्किल्स (Critical Thinking, Problem Solving) में कमजोर हैं (UNESCO)। राष्ट्रीय रोजगार योग्यता रिपोर्ट 2024 में बताया गया कि डिग्री होने के बावजूद भी केवल 46% ग्रेजुएट्स ही जॉब के लिए उपयुक्त हैं। "समस्या टैलेंट की नहीं, सोच पर आधारित लर्निंग की कमी की है। माइंड मैराथन इस गैप को भरने की कोशिश है।"
इन्फोर्मेशन ओवरलोड पर इनसाइट की कमी: युवा 6-8 घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं, लेकिन 30 मिनट भी आत्म-चालित अध्ययन नहीं करते। अटेंशन स्पैन में गिरावट: वर्ष 2000 में औसतन 12 सेकंड का अटेंशन स्पैन 2023 में घटकर 8 सेकंड रह गया (Microsoft Study)। पढ़ने और सोचने की आदत में गिरावट: 25% युवा साल में एक किताब भी नहीं पढ़ते। भीड़ के साथ चलने की प्रवृत्ति: 74% युवा करियर का चुनाव माता-पिता या समाज के दबाव में करते हैं। विधायक ने कहा "लीडर वही बनता है जो सोचता है, नकल नहीं करता। यह प्रतियोगिता मौलिकता को सम्मान देती है।"
डॉ. सिंह ने विश्व आर्थिक मंच (WEF) 2023 के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि "2030 तक भारत के 40% युवाओं को दोबारा स्किल्स सीखनी होंगी। AI स्मृति-आधारित नौकरियाँ ले सकता है, लेकिन सोचने वाली बुद्धि की जगह कोई नहीं ले सकता। 'माइंड मैराथन क्विज' युवाओं में संज्ञानात्मक सहनशक्ति और मेंटल फ्लिक्सिबिलिटी विकसित करेगी, जो आने वाले कल की सबसे मूल्यवान मुद्रा है।"
डॉ. राजेश्वर सिंह ने युवाओं को संदेश दिया कि वे दसवीं कक्षा के बाद से ही सिविल सेवा की तैयारी को गंभीरता से लें, और NCERT की पुस्तकों से मजबूत आधार बनाएं। डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, “आज के समय में जब प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रतिस्पर्धा चरम पर है, जहां UPSC में हर वर्ष लगभग 15,000 और UPPSC जैसी परीक्षाओं में 5,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल होते हैं , ऐसे में युवाओं को समय रहते दिशा, संसाधन और मंच देना अत्यंत आवश्यक है।”
‘माइंड मैराथन क्विज’ को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह UPSC/UPPSC की तर्ज पर पिछले वर्षों के प्रश्नों, करंट अफेयर्स और विशेष रूप से NCERT पुस्तकों पर आधारित हो। यह विद्यार्थियों को न केवल बौद्धिक रूप से तैयार करेगा, बल्कि उन्हें सिविल सेवा की आवश्यकताओं के प्रति जागरूक भी बनाएगा।
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का लक्ष्य है कि इस पहल के माध्यम से सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले कम से कम 1,000 युवा UPSC, UPPSC और अन्य प्रतिष्ठित सेवाओं में चयनित होकर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें। वर्तमान में यह क्विज सभी RWA क्षेत्रों में शुरू किया गया है, और आगे इसे ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों के 50 से अधिक केंद्रों तक ले जाने की योजना है, ताकि हर वर्ग के युवाओं को समान अवसर प्राप्त हो।
कार्यक्रम में 'माइंड मैराथन क्विज' के विजेताओं को विधायक डॉ. सिंह द्वारा लैपटॉप देकर सम्मानित किया गया जो न केवल एक पुरस्कार, बल्कि उनकी तैयारी के लिए आवश्यक संसाधन भी है।
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