June 07, 2023   Admin Desk



वेदांता एल्यूमिनियम के उत्पाद पर्यावरणीय रूप से सस्टेनेबल हैं, अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने किया सत्यापित

* एनवायर्नमेंटल प्रोडक्ट डिक्लेरेशन (ईपीडी) सर्टिफिकेशन ने सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग में सर्वोच्च औद्योगिक मानकों की प्राप्ति हेतु वेदांता एल्यूमिनियम की प्रतिबद्धता का सम्मान किया

नई दिल्ली New Delhi: विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने घोषणा की है कि उन्होंने अपने उत्पादों के लिए एनवायर्नमेंटल प्रोडक्ट डिक्लेरेशन (ईपीडी) इंटरनेशनल सत्यापन प्राप्त किया है। कंपनी के उत्पादों की यह रेंज वैश्विक एल्यूमिनियम उद्योग की सबसे व्यापक रेंज में से एक है। वेदांता एल्यूमिनियम के उत्पाद कड़ी परीक्षा से गुजरते हैं जिसे ’लाइफ साइकल असैसमेंट’ कहते हैं। वेदांता के बुनियादी एल्यूमिनियम उत्पादों ने ऊर्जा खपत, ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन, पानी के इस्तेमाल व कचरा उत्पन्न करने की कसौटियों पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग विधियां उत्कृष्ट हैं और कंपनी ने अपनी पूरी एल्यूमिनियम मूल्य श्रृंखला में सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए ग्रीन इनोवेशन किए हैं।

एनवायर्नमेंटल प्रोडक्ट डिक्लेरेशन (ईपीडी) एक मानकीकृत एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य दस्तावेज है जो किसी उत्पाद की पर्यावरणीय परफॉरमेंस के बारे में एक पारदर्शी और वैज्ञानिक तौर पर सत्यापित सूचना प्रदान करता है। यह एक विस्तृत लाइफ साइकल असैसमेंट (एलसीए) पर आधारित होता है और उत्पाद के पूरे जीवन चक्र के दौरान उसके द्वारा पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव संबंधी आंकड़े प्रस्तुत करता है जिनमें कच्चे माल निष्कर्षण, मैन्युफैक्चरिंग, इस्तेमाल और उसके जीवन अंत में निपटान शामिल होते हैं।

वेदांता एल्यूमिनियम द्वारा उत्पादित प्राथमिक एल्यूमिनियम उत्पाद जिन्हें ईपीडी द्वारा सत्यापित किया गया है उनमें बिलेट्स, प्राइमरी फाउंड्री अलॉय, वायर रॉड्स और इंगॉट्स की सभी श्रेणियां शामिल हैं। इन सभी उत्पादों के महत्वपूर्ण उद्योगों में हाई-ऐंड ऐप्लीकेशंस होते हैं जैसे एयरोस्पेस, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिकल व पैकेजिंग इनके अलावा नए उभरते उद्योगों में भी इनका इस्तेमाल हो रहा है जैसे हाई-टैक् मैन्युफैक्चरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी टेक्नोलॉजीस, इलेक्ट्रिक वाहन आदि। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की वैश्विक थीम है #BeatPlasticPollution (प्लास्टिक प्रदूषण को परास्त करें)। एल्यूमिनियम में मजबूती, हल्का वज़न, ज़ंग रोधी और अनंतकाल तक रिसाइकिल किए जा सकने वाले गुण हैं और साथ ही यह प्लास्टिक का व्यावहारिक विकल्प भी है।

इस प्रमाणन पर वेदांता लिमिटेड में एल्यूमिनियम बिज़नेस के सीईओ श्री राहुल शर्मा ने कहा कि यह दुनिया तेजी से सस्टेनेबल तरीकों की तरफ बढ़ रही है, ऐसे में एल्यूमिनियम उद्योग उल्लेखनीय वृद्धि एवं नवाचार के लिए तैयार है। न्यून-कार्बन वाले भविष्य की रीढ़ के तौर पर एल्यूमिनियम के असाधारण गुणों में ऊर्जा परिवर्तन के लिए असीम संभावनाएं हैं और इस काम में वेदांता एल्यूमिनियम एक प्रमुख सुगमकर्ता है। ईपीडी प्रमाणन इसका परिचायक है की दुनिया भर में अपने ग्राहकों को सस्टेनेबल उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए हम कितने समर्पित हैं। हमारी हमेशा कोशिश रहती है की इनोवेटिव और पर्यावरण के प्रति जागरुक व्यापार विधियां विकसित करें, हमारी कोशिशें दर्शाती हैं की हम एक संवहनीय भविष्य की रचना हेतु समर्पित हैं।“ इपीडी प्रकाशित हो चुकी है, यहां देखिएः https://www.environdec.com/library/epd6491 यह भारत की पहली कंपनी है जिसने लो-कार्बन, ’ग्रीन’ एल्यूमिनियम रेंज लांच की जिसे नाम दिया गया ’रेस्टोरा’, यह उत्पाद लो-कार्बन फुटप्रिंट युक्त धातुओं की उभरती मांग को पूरा करेगा। गौर तलब है की वेदांता एल्यूमिनियम भारत एल्यूमिनियम उद्योग में पहली कंपनी है जिसने अपने लार्ज रेंज के एल्यूमिनियम उत्पादों के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स का प्रमाणन हासिल किया। गुणवत्ता पर निरंतर फोकस रखने की वजह से ही यह कंपनी दुनिया के 50 देशों में अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर रही है, जो सक्रियता से अपने कार्बन फुटप्रिंट घटाना चाहते हैं और जो कच्चे माल की उत्पत्ति में भी दिलचस्पी लेते हैं।

वेदांता एल्यूमिनियम को एस एंड पी डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स की वर्ल्ड रैंकिंग के तहत एल्यूमिनियम उद्योग में वित्तीय वर्ष 2022 के लिए दूसरा स्थान प्रदान किया गया, यानी की आज दुनिया की यह दूसरी सबसे सस्टेनेबल एल्यूमिनियम उत्पादक है। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के मुताबिक काम करने वाली तथा 2050 तक कार्बन न्यूट्रल बनने को प्रतिबद्ध वेदांता एल्यूमिनियम अपनी विनिर्माण प्रक्रियाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाकर सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव कायम करने के लिए समर्पित है।

अपने सभी प्रचालनों में पर्यावरणीय प्रबंधन अभ्यास की वृद्धि की निरंतर यात्रा में वेदांता एल्यूमिनियम ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
• वित्तीय वर्ष 2012 को आधार मानते हुए वित्तीय वर्ष 2022 में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को 24 प्रतिशत घटाया, इसी अवधि में उत्पादन 8 गुना बढ़ाया गया।
• वाटर-पॉज़िटिव प्रचालन की दिशा में आगे बढ़ते हुए कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023 में 13.69 अरब लीटर पानी को रिसाइकल किया तथा 1.51 अरब लीटर पानी को संरक्षित किया गया।
• 100 प्रतिशत से अधिक फ्लाई-ऐश की आपूर्ति सीमेंट उद्योग, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास आदि को की गई। फ्लाई-ऐश एक हाई वॉल्यूम इंडस्ट्रियल बाय-प्रोडक्ट है जो थर्मल पावर प्रोडक्शन दौरान उत्पन्न होता है। इस आपूर्ति से भारतीय औद्योगिक परिदृश्य में सर्कुलर इकॉनॉमी की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा।
• वित्तीय वर्ष 2023 में 13.60 लाख गीगाजूल्स ऊर्जा का सफल संरक्षण किया गया।
• लिथियम-आयन बैटरी युक्त ईवी फोर्कलिफ्ट के भारत के सबसे बड़े बेड़े को कमिशन किया।
• झारसुगुडा स्थित अपने मेगा एल्यूमिनियम स्मैल्टर में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी स्थापित की गई, यह एक विशेषीकृत प्लांट है जो कचरे को अलग करता है और उसे प्रसंस्करित कर के उपयोगी सामग्री में परिवर्तित करता है।
• अग्रणी पर्यावरण संरक्षण फर्म ईआरएम के साथ गठबंधन करके कंपनी ने अपने प्रचालन क्षेत्रों के आसपास अपने जैव विविधता प्रबंधन योजना में इजाफा किया है।
• वेदांता एल्यूमिनियम की सभी बिज़नेस यूनिट्स में मजबूत ऐन्वायर्नमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (ईएमएस) को तैनात किया जो आईएसओ 14001:2015 का अनुपालन करता है।  

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) 2022 में दूसरी वैश्विक रैंकिंग मिली है, जो इसकी सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रक्रियाओं का प्रमाण है। देश भर में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है।



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